The Greatest Guide To पारदेश्वर शिवलिंग

अनुकूलता जांचने के लिए अपनी और अपने साथी की राशि चुनें

हवन की राख का क्या है धार्मिक महत्व ? क्या है इसके अन्य लाभ

वरील पद्धतीने रोजची पूजा करू शकता पण पहिल्या दिवशी स्थापन करताना जो पहिला अभिषेक असेल तेव्हा पंचामृताने अभिषेख करावा नंतर ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं किंवा नमः शिवाय ने १०८ बेल शिव पिंडीवर अर्पित करावा त्यावर प्रत्येक वेळी बेलावर चंदन लावून हा अर्पण करावा थोडा वेळ लागला तरी चालेल. 

पारद शिवलिंग को अगर आप सूर्य में रखेंगे तो यह इंद्रधनुषी रंग को दर्शाता है, जिसे बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इसे स्पर्श करने मात्र से ही सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है, जिससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि अगर पारद शिवलिंग को बेडरूम में रखते हैं तो यह पति-पत्नी के बीच सद्भाव लाता है और दोनों एक-दूसरे का हमेशा सहयोग करने के लिए आगे रहते हैं।

ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की तरह, स्फटिक शिवलिंग की पूजा भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है, जिससे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

Your browser isn’t supported anymore. Update it to find the finest YouTube working experience and our hottest functions. Learn more

Just rub the lemon around the surface of Parad shivling every single alternate day. It's going to start shining. Then cleanse it by using a h2o and wipe it off read more with clear fabric. Now it is ready to worship or have on. There'll be no markings left wherever in the shivalingam or if worn in the human body.

माना जाता है कि शिवलिंग को कभी भी अकेला नहीं रखना चाहिए। उसके साथ भगवान शिव के पूरे परिवार यानी माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय की तस्वीर रखनी चाहिए। घर के शिवलिंग में न कराएं प्राण प्रतिष्ठा

प्राचीन ग्रंथों में पारद शिवलिंग को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है। इसका वर्णन चरक संहिता समेत कई ग्रंथों में मिलता है। इस शिवलिंग की पूजा करने से सभी तरह के तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं और जातक के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का कवच बना रहता है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले की स्वयं महाकाल और महाकाली रक्षा करती हैं।

"I went from filling out an application to using a new vehicle in my driveway! The finance individuals were incredibly practical in obtaining me the most effective offer probable."

पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। 

Solar in vastu shastra, significance of Solar in vastu shastra, function of Solar in vastu shastra, results of sun in vastu shastra, critical details about Sunlight in vastu shastra, vastu shastra for dwelling

हिंदू धर्म में शिवलिंग भगवान शिव का सर्वोच्च प्रतीक है और उनकी पूजा का केंद्र बिंदु माना जाता है। विभिन्न प्रकार के शिवलिंग विद्यमान हैं, जिनमें पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभऔर स्फटिक शिवलिंग का एक विशेष स्थान है। ये दोनों शिवलिंग अपनी विशिष्टताओं और लाभों के कारण पूजनीय माने जाते हैं। आइए, इस लेख में इन शिवलिंगों की महिमा, महत्व और घर में स्थापित करने के फायदों को विस्तार से जानें।

शिवलिंग के शब्दिक अर्थ की बात की जाए तो शिव का अर्थ 'परम' कल्याणकारी है और लिंग का अर्थ 'सृजन' या 'प्रतीक' है। तो, शिवलिंग एक तरह से भगवान शिव का प्रतीक है। पुराणों के अनुसार शिवलिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में भगवान विष्णु और ऊपर के भाग में भगवान शंकर विराजमान हैं।

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15

Comments on “The Greatest Guide To पारदेश्वर शिवलिंग”

Leave a Reply

Gravatar